गरोडा(दलोदा) भागवत -2016.
ग्राम गरोडा में गुरुदेव परमपुज्य ध्यान योगी महर्षि श्री उत्तम स्वामी जी की भागवत कथा अवसर पर स्वामी जी ने कहा कलश यात्रा का जीवन में महत्व है। कलश को स्पर्श करने से , सिर पर चढ़ाने से , उठाने से जीवांत तक कभी जीवन में कलेश नहीं आता है। सावन का मास है । सावन में भागवत हो रही। महाकाल का जिला है । सावन का मास है । महादेव के इस महीने में धर्म से जीवन को पापो से मुक्ति मिलेगी। सच्चे मन से की गई तपस्या से फल अवश्य मिलता है। तपस्या व्यर्थ नहीं जाती है। तपस्या से कर्मो का नाश होता है और तपस्या से ही मोक्ष प्राप्ति होती है।
गुरुदेव परमपुज्य ध्यान योगी महर्षि श्री उत्तम स्वामी ने राजा उत्थान की कहानी सुनाते हुए ध्रुव को किस तरह तपस्या का फल मिला वह विस्तार से बताया। ध्रुव ने टप के प्रति सच्ची श्रद्धा से ही मोक्ष प्राप्त किया है। इसलिए हमेशा व्यक्ति को धर्म आराधना व त्याग तपस्या करनी चाहिए ।
अनन्त श्री विभूषित परम धयान योगी महर्षि श्री उत्तम स्वामीजी ने कथा में कहा डाकू अजामाल के पुत्र का नाम नारायण रखें जाने व अजामाल के मरते समय नारायण पुत्र नाम लेने से स्वर्ग प्राप्त हुआ' माल कमाने के साथ साथ ,माला भी जपोगे तो स्वर्ग प्राप्त होगा, धन दौलत माल को भी मत छोडो पर माला को भी साथ रखो . भगवान की प्राप्ति के लिए आत्मा का श्रंगार आवश्यक हे। आप अच्छे बुरे,लोभ लालच,झूट निंदा, की तुलना करने लगोगे तो आत्मा का दर्शन होगा यदि आपने आत्मा का श्रंगार कर लिया तो भगवान मिल जायेंगे।आत्मा में झांकने से मन पवित्र मन से ईश्वर प्राप्त होंगे ।
परमात्मा ने अपना रास्ता तय किया हे। इस रास्ते के अनुसार झूठ न बोलना ,कपट न रखना,ईस्या न रखना लोभ न करना हे। यदि हम इस रास्ते पर चले तो हमे सबकुछ हासिल होगा ईश्वर प्राप्ति के लिए मन का पवित्र होना आवश्यक हे।आपने कहा अपने भक्तो की महिमा मण्डित करते हुए अपने भक्तो के ऊपर उड़ाया हे। इसलिए इसका नाम भागवत रखा गया।भगवान भक्त के बिना नही रहते हे ।जहा भक्त हे वहा 33 करोड़ देवता हे। श्री भागवत का महत्व यही हे की अपने अंदर भक्ति रूपी ज्योति जले आप भगवान के लिए खड़े रहे।यही कृष्ण कथा हे यही राम कथा हे
शोभायात्रा कार्यक्रम
भागवत कथा कार्यक्रम
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